विश्व हिंदी दिवस: किताबों से इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक पहुंची हिंदी…प्रभुत्व बढ़ा, डिजिटल
विश्व हिंदी दिवस: मौजूदा दौर डिजिटल और एआई का दौर है। हिंदी अब किताबों से निकलकर वेब पर अपना जलवा बिखेर रही है। आज एआई से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह हिंदी की मांग है, तो हिंदी अनुवादकों की मांग भी बढ़ी है। 2030 तक इसका कारोबार 8,120 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। हिंदी लिखने में समय की बचत हुई है। मोबाइल के सामने बोलकर कम समय में हिंदी लिखी जा सकती है, वहीं एआई शब्दों को मिलाकर उन्हें प्रस्तुत करने में भी सक्षम है। इंटरनेट के प्रसार ने हिंदी के दायरे को भी बदला है।